ऐसा नहीं की आपके जाने का गम हमे नहीं
लेकीन क्या करे ये कम्बख्त आंसू भी तो बेवफा निकले....

तकिये तले मेरा सपना गिरा होगा
जरा देखना, न छुना उसको
कहीं चूर ना हो जाए


वहीं होगा कहीं मेरा एक अधुरा
ख्वाब भी, जरा संभालना
मासूम है वो भी

एक एक पल जो बिताए हमने साथ में
लायी तो हूं उसकी पोटली अपनी यादों में
अगर कोई पल छुटा भी है, वहीं कही गिरा भी है
तो....रहने दो वहीं उसे
क्या पता शायद...वो पल तुम्हे याद दिलाये
कभी हम भी आप की सांसो में शामिल थे....