जिंदगी

ये जो साली लाईफ़ है
ये चीज बडी खतरनाक
जब भी लगा ये समझी
और इसने दी मात है

एक एक गिरह खोल
हम होते बहोत खुष है
पल झपके तो समझे
हम गिरहो में थे ऊलझे

फ़िर कहा हमने भी
जा तेरी जरूरत नहीं
इतनी जो तुझ में अकड
गयेगुजरे तो हम भीं नहीं

फ़िर एक बार हंसी जिंदगी
और मुस्कुराके बोली
मेरा साथ तू छोडे
तेरे बस में ये नहीं

क्या गिला करे अब
बेवफ़ा सनम सी
कम्बख्त ये भी
मेरी आदत बन गयी

नेहा

 

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